हर इक यार कमीना होता है, पर तुमसे ही यारों अपना जीना होता है।
महफ़िल में बैठ कर हर बात पे किच किच,
मैनेजर को गाली, फालतू में झिक झिक,
हर बार ही साथ में मिलके, कोई नया सनीमा होता है,
पर तुमसे ही यारों अपना जीना होता है।
स्कूल से निकले साथ साथ सब, कुछ कॉलेज तक साथ रहे,
अपनी यारी चलती जाए , दिल से दिल की बात रहे,
देख पुराने यारों को फिर चौड़ा सीना होता है,
और तुमसे ही यारों अपना जीना होता है।
कुछ लोग मिले थे दफ्तर में, जो काम से काम ही रखते थे,
पर कुछ ऐसे भी थे जो मेरा नाम भी रखते थे,
साथ में मिल के जहा भी बैठे वही मदीना होता है,
और तुमसे ही यारों अपना जीना होता है।
महफ़िल में बैठ कर हर बात पे किच किच,
मैनेजर को गाली, फालतू में झिक झिक,
हर बार ही साथ में मिलके, कोई नया सनीमा होता है,
पर तुमसे ही यारों अपना जीना होता है।
स्कूल से निकले साथ साथ सब, कुछ कॉलेज तक साथ रहे,
अपनी यारी चलती जाए , दिल से दिल की बात रहे,
देख पुराने यारों को फिर चौड़ा सीना होता है,
और तुमसे ही यारों अपना जीना होता है।
कुछ लोग मिले थे दफ्तर में, जो काम से काम ही रखते थे,
पर कुछ ऐसे भी थे जो मेरा नाम भी रखते थे,
साथ में मिल के जहा भी बैठे वही मदीना होता है,
और तुमसे ही यारों अपना जीना होता है।